जीतने के लिए जिद्दी होना जरूरी है @INSISTENCE
“सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे
लोग “ जब लोग अपनी जिन्दगी
की कमान दूसरों के हाथ में दे देते हैं / उन्हें अपने से ज्यादा दूसरों की विचारों
की फिक्र होती है कि अगर मैंने ऐसे किया तो लोग क्या कहेंगे ,तो समझो सत्यानाश हुआ
/
“जिस प्रकार नदी के
पानी का आकर्षण समुद्र की तरफ होता है / उसके बहाव में लाख अड़चने आए लेकिन अंततः
पानी समुद्र में जाकर ही मिलता है / ठीक इसीप्रकार यदि आपके दिमाग का आकर्षण आपके
लक्ष्य की तरफ हो जाए तो आपको सक्सेस पाने से कोई नहीं रोक सकता है /”
वो अड़चने कौन कौन सी हैं जो हमें हमारी मंजिल तक पहुँचने से
रोकती है ?
डर ,गरीबी ,अशिक्षा , अनिर्णय , गलत आदतें , टालमटोल ,आलस
,खुद पर विश्वास की कमी , देर से उठना , आदि ऐसी जिद्दी अड़चने हैं जो अपने जिद के
कारण आपको आपके सक्सेस तक कभी नहीं पहुँचने देती हैं / और हम लोग जानते हुए भी
इसके चंगुल में फंस जाते हैं / और परिस्थतियों से दो दो हाथ करने की जगह हम इसकी
दासता स्वीकार कर लेते हैं , और भाग्य को दोष , परिवार को दोष , देने लगते हैं /
जिस प्रकार लोहा लोहे को काटता है ,उसी प्रकार इस अड़चन रुपी
जिद को हमें खुद के विश्वास के जिद से काट कर आगे बढ़ना होगा / तभी सफलता संभव है /
और ये कठिन भी नहीं है /बस हमें इसके लिए जिद्दी बनना पड़ेगा / तमाम सफल लोंगों ने
ऐसा ही किया है / जब वो सफल हो सकते है तो आप क्यों नहीं ?
जिद या दृढ़ता हमारे दिमाग की एक अवस्था है , जगाने के लिए निम्न कारको को तैयार करना होगा
- निश्चित उद्देश्य— सबसे पहले आपको भलीभांति पता होना चाहिए , कि आप वास्तव में क्या चाहते हैं ?क्योकि जब तक आपके पास एक मजबूत मकसद नहीं होगा ,आप हमेशा भटकते रहेंगे /
“एक लक्ष्य विहीन
मनुष्य ,बिना नाविक के उस नाव के सामान होता है , जो नदी में बहती तो है पर उसका
किनारा कहाँ आएगा ,कुछ भी पता नहीं होता / और अंत उसका डूबना लगभग तय ही होता है/”
- इक्षाशक्ति आपके द्वारा लक्ष्य की प्राप्ति में आपकी चाहत , आपकी इक्षा कमजोर नहीं बल्कि जुनूनी होनी चाहिए / तीव्र होनी चाहिए /
हम अपनी इक्षाशक्ति पर दृढ तभी होते हैं , जब हमें उस लक्ष्य
की वास्तव में तीव्र आवश्कता होती है /या वो लक्ष्य हमें अत्यधिक प्रिय या पसंद हो
/
- आत्मनिर्भरता या स्वयं पर विश्वास --- आप एक लक्ष्य पर तभी दृढ हो सकते हैं जब आपको खुद पर विश्वास हो / क्योकि पानी भी तभी उबलता है जब वह 1000c होता है /इसी प्रकार आपको स्वयं पर विश्वास होना चाहिए कि चाहे कुछ भी हो जाए ,अब हमें पीछे नहीं हटना है / यही प्रतिज्ञा आपको हठी बनाएगी / और आप विजय के मार्ग पर निश्चय ही प्रशस्त होंगे /
- निश्चित योजना लक्ष्य कितना भी कठिन हो ,लेकिन अगर लक्ष्य तक पहुँचने के लिए सुगम मार्ग हो या एक सही योजना हो ,तो स्वंय के विश्वास में वृद्धि होती है और आपमे अधिक दृढ़ता आती है / कि अब आपकी जीत तय है /
- सटीक ज्ञान के आधार पर योजना बनाएं अगर आपने जो योजना बनाई है , गहन अध्ययन के द्वारा बनाई है ,उसका सही अवलोकन किया है तो आपकी दृढ़ता और भी पक्की हो जाएगी / योजना अनुमान से नहीं बल्कि अनुभव और विशेष ज्ञान के आधार पर बनाना चाहिए /
- आदत वैसे कहा जाता है की हमारी आदते ही हमारे सफलता या असफलता की सूचक होती हैं /जब हम अपने लक्ष्य तक पहुचने के लिए अनुकूल आदतों को विकसित करने लगते हैं / अपने अन्दर के डर को अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रण के द्वारा दूर करने का प्रयास करते रहते हैं / और धीरे धीरे हम आत्मविश्वासी होते जाते हैं ,और यही विश्वास हमें अपनी जीत के प्रति हठी बना देता है /
- लगातार प्रयास करते रहना – लक्ष्य पर पहुँचने की सबसे सटीक सीढ़ी है निरन्तर प्रयास करते रहना / मैं तो लगातार प्रयासरत होने की क्रिया को सर्वश्रेष्ठ मानता हूँ / क्योकि देखा गया है कि अधिकतर लोंगो के फेल होने का कारण अपने काम को लगातार न करना है यानि मूड के अनुसार करना रहा है /
लाख प्रतिभा हो , आप बहुत ज्ञानी हों ,लेकिन अगर प्रतिभा को
तरासने के लिए जो अवसर आपके पास है उसमें सही ठंग से काम नहीं किया तो कुछ दिनों
बाद आपकी ये प्रतिभा सिर्फ कागजों पर ही रह जाएगी / आपका ज्ञान तभी तक है जब तक आप
किताबों से जुड़े हैं और उसका सही इस्तेमाल कर रहें हैं / अपने दिमाग को नयी नयी
जानकारियों से अपडेट कर रहें हैं /
“ एक बार बादलों की हड़ताल हो गयी / बादलों ने कहा कि वे अगले
दस सालों तक पानी नहीं बरसाएंगे / ये बात जब किसानों नें सुनी तो उन्होंने भी अपने
हल हथियार वगैरह रख दिए, क्योकि बादल तो अब पानी बरसाएंगे नहीं तो हल चलाने से
क्या फ़ायदा /
लेकिन उनमें से
एक किसान था जो प्रतिदिन नियमानुसार अपने खेतों में हल चलाता था / एक दिन कुछ बादल
ऊपर से गुजर रहे थे / तो उन्होंने देखा कि एक
किसान अपने खेत में हल चला रहा था / तो उन्होंने उस किसान से पुछा कि –अरे
भाई क्या आपको पता नहीं है कि हम बादल हड़ताल पर हैं और 10 साल तक बारिश नहीं करेंगे /
तो किसान के कहा कि अरे भाई कोई बात नहीं/ जब आप बरसेंगे तो
बरसेंगे तब देखा जाएगा / लेकिन मैंने अगर 10 साल तक हल चलाना छोड़
दिया तो आने वाले समय में मैं हल चलाना ही भूल जाऊँगा /
अब यह सुनकर सभी बादल घबरा गए कि कही वे बरसना ही न भूल
जाएं / और वे तुरंत ही बरसने लगे / और खेत में लगातार हल चलाने वाले किसान की
मेहनत रंग ला गयी / और जो किसान अपने हथियार डाल कर सही समय का इन्तजार कर रहे थे
वे सब हाथ मलते रह गए /
इसीलिए अपने काम में सफलता असफलता की चिंता किए बगैर लगे
रहिए / समय आने पर सफलता आपको अवश्य मिलेगी / और यही निरंतरता की जिद ही सक्सेस का
मूल मन्त्र है /
- उन आदतों का त्याग करना जो आपको आपके लक्ष्य से दूर कराए हैं --- ये बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु है और मेरे हिसाब से एकमात्र सार्थक बिंदु / जिस पर काम करके आप निश्चित सफलता पा सकते हैं /
“मान लीजिए आप एक
व्यवसाय की शुरुवात करने जा रहे हैं और तमाम ऐसे साथी ,राय प्रधान लोग जो आपसे
अपनी तमाम नकारात्मक अनुभव SHARE करके वो आपको वो
काम करने से ही रोक रहें हैं / जबकि वे साथी आपको सकारात्मक और नकारात्मक दोनों
विचारों से अवगत कराकर एक सही ओर POSITIVE सलाह देकर आपके काम में आपकी मदद कर सकते थे /
पर वे अपने आपको महान ज्ञानी मनवाने के चक्कर में आपका बड़ा गर्त करने बैठ गए हैं ,
जिसमे उनका वास्तव में खुद का रत्ती भर अनुभव नहीं है / तो ऐसे लोंगों का साथ
तुरंत छोड़ देना चाहिए / क्योकि ये आपको सफल होता देखना ही नहीं चाहते हैं /”
इस प्रकार से वो चाहे आदतें हों जैसे – टालमटोल की आदत ,
शराब की आदत , अनिर्णय , डर , आलोचना इस सबका तुरंत त्याग कर देना चाहिए / और साथ
ही साथ नकारात्मक लोंगो को अपने से कोसों दूर रखिए /
इस प्रकार से जीतने के लिए निश्चित लक्ष्य , सही योजना
,दृढ़ता , स्वयं पर विश्वास बहुत ही आवश्यक है / और जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त न
कर जाएं लगातार जुटे रहें /
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जय हिन्द //
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