मन पर नियंत्रण कैसे करें ?/ How To Control Mind And Remove Unwanted Thoughts
हमारा मन बहुत ही चंचल होता है / ये हमें एक जगह बैठने नहीं देता है / और सबसे
बड़ी बात यह स्वार्थी बहुत होता है / इसे आपके अच्छे बुरे होने से नहीं मतलब ,
इसे तो सिर्फ स्वयं की क्षणिक ख़ुशी से
मतलब होता है / और अक्सरतः इसकी क्षणिक ख़ुशी के बदले में हमें बहुत परेशानियों को
झेलना पड़ता है /
इसीलिए हमें मन पर नियंत्रण कैसे करें .से पहले मन पर नियंत्रण क्यों करें ?
जानना होगा /
मन पर नियंत्रण क्यों जरूरी है ?
महाराज युधिष्ठिर से यक्ष ने पूछा था कि सबसे तेज कौन से चीज चलती है ? इस पर
युधिष्ठिर ने जवाब दिया था ,मन / यानि दुनियां में मन से कोई भी चीज तेज नहीं चलती
है / और जो चीज जितनी तेज चलती हैं , दुर्घटना के चान्सेस भी वही ज्यादा होते हैं
/
मन पर अंकुश न किया जाए तो , यह मन आवारों की तरह भटकता है , और हमें तमाम PROBLEMS में डाल देता है / आज संसार में अपराध के बढ़ने का कारण मन
पर नियंत्रण न होना है /
असफलता, अनिद्रा, अप्रसन्नता, तनाव, बीमारी आदि का कारण आज हमारा मन ही है /
असफलता का कारण, मन का भटकाव –
मान लीजिए आप एक विद्यार्थी हैं / आने वाले 10 महीनों बाद आपका EXAM है / तो आपको क्या करना चाहिए ? समय सारणी के
अनुसार नित्य प्रतिदिन मेहनत से पढ़ाई करनी चाहिए / लेकिन आज आपका दोस्त मूवी देखने
जा रहा है / उसने आपके पास फ़ोन किया कि वह मूवी देखने जा रहा है / क्या तुम भी
चलोगे ? अब आप क्या करेंगे ? वही जो आपका मन कहेगा /अक्सर मन वही सलाह देता है ,
जो आपके लिए ठीक नहीं होता है / अब आपने सोचा कि चलो मूवी देखकर , लौटकर आएँगे तो
पढ़ लेंगे / अब आप भी दोस्त के साथ मूवी देखने चले गए / लौट कर आए तो थक गए थे /
फिर सोचा चलो अभी तो EXAMS दस महीने हैं / आज सोते हैं ,कल से पढाई करेंगे / सुबह
जल्दी उठ जाएंगे / सुबह जब जल्दी उठना था तो, आपकी नीद तो खुली , लेकिन आपके मन ने कहा कि
थोड़ी देर और सो लेते हैं / अब वो थोड़ी देर के चक्कर में आप सूरज के निकलने के बाद
उठे / अर्थात देर में उठे /
फिर ये हुआ कि चलों शाम से शुरुवात करते हैं / इस प्रकार धीरे धीरे आपका मन
आपके काम को आपसे कल पर टलवाता जा रहा है / और धीरे धीरे समय बीत रहा है / कोई न
कोई मस्ती ,मूवी ,यार दोस्त , पार्टी , फ़ोन पर घंटो फालतू की बातें , शादी विवाह ,
फंक्शन , चैटिंग आदि के कारण आप पढ़ाई के लिए टालमटोल करते गए / और एक दिन EXAMS सर पर आ गए / अब आप लगे पढ़ने / न खाने की टाइमिंग ,न समय पर
नहाना , न समय से सोना , और तो और एक साल के कोर्स को महीने भर में पूरा करने का
प्रेशर / और इस आपाधापी में कोर्स भी पूरा नहीं होता / किसी तरह तनाव में EXAM देते हैं / और RESULTS आते हैं ,तो या तो औसत पास
मार्का नंबर पाते हैं या तो फेल हो जाते हैं /
जरा सोचिए इतनी सारी चीजे किसके कारण हुई / एकमात्र केवल मन पर नियंत्रण न
होने के कारण /
अनिद्रा का कारण ,मन पर नियंत्रण न होना –
रात्रि के 10 बजे तक सभी को सो जाना चाहिए ,और सुबह भोर में उठना चाहिए / लेकिन देर रात तक
लगे हैं फ़ोन से बाते करने में / धीरे धीरे
ये रूटीन रोज का हो गया है / एक इंसान को स्वस्थ रहने के लिए 6 से 7 घंटे नीद लेना जरूरी है /
रात में देर से सोना और सुबह जल्दी उठने के प्रेशर के कारण अक्सर आज लोग अनिद्रा
के शिकार हो रहे हैं / जिसके कारण अवसाद ग्रस्त होना , हाई ब्लड प्रेशर आदि की
बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे हैं / कारण सिर्फ मन के वश में आप हैं /
अप्रसन्नता का कारण . मन पर नियंत्रण न होना –
जब आपकी नीद पूरी नहीं होगी , या आप अपने काबिलियत के अनुसार सफलता नहीं पा पा
रहें हैं ,तो आप खिंचे खिंचे से रहते हैं / चहरे पर जैसे बारह बजे रहते हैं / ख़ुशी
तो चेहरे से एकदम गायब हो जाती है /
बिना मेहनत के सफलता मिलती नहीं है / सफल होने के लिए आत्म अनुशासन जरूरी है /
और आपका मन आपको मेहनत करने देता नहीं है / सफलता और मेहनत के बीच तमाम बहानों के
रोड़े अटकाता है / और आपका मन आपकी खुशियाँ छीन लेता है /
तनाव या अवसाद का कारण, मन पर नियंत्रण न होना ---
मन पर नियंत्रण न होने के कारण आज लोग प्री जज करने लगते हैं / जो हुआ ही नहीं
उसके बारे में नेगेटिव खयालात पहले से ही बुनने लगते हैं / और डर डर के जीने लगते
हैं / ओवर थिंकिंग के कारण तनाव ,अवसाद , डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं /
अगर आप कभी ध्यान से सोचेंगे कि आप तनाव में क्यों हैं ? तो अधिकतर केसेज में
पता चलेगा कि कारण कुछ नहीं , ओवर थिंकिंग ही होती है /
तमाम बीमारियों का कारण , मन पर नियंत्रण न होना –
आप तनाव ग्रस्त हैं , फेलियर हैं , ओवर थिंकर हैं , रात रात भर नीद नहीं आती
तो क्या होगा ? डिप्रेशन की बीमारी , हाई लो बी.पी. की बीमारी आदि की शुरुवात हो
जाती है /
सिर्फ एक मन जो हमारे शरीर में रहकर हमें कंट्रोल करता है / इतनी परेशानियाँ खड़ी
करता है /
अब जरा सोचिए कि हमारा वास्तविक दुश्मन कौन है ? कोई बाहरी नहीं, बल्कि हमारे
भीतर में रहने वाला हमारा ही मन है /
तमाम अपराध का कारण भी मन का नियंत्रण न होना है ---
मन पर नियंत्रण न होने के कारण आज की युवा पीढ़ी बीड़ी ,सिगरेट , शराब , चरस,
चोरी आदि तमाम आपराधिक प्रवृतियों में लिप्त हो रही है / औए आए दिन ऐसे केसेज
अखबारों टी. वी., न्यूज़ में देखने को मिल
जाते हैं /
इसीलिए दोस्तों एक स्वस्थ ,संपन्न , सुखी , ख़ुशी और सफल जीवन जीने के लिए मन
पर नियंत्रण रखना , और नियंत्रित करने की कला को सीखना बहुत जरूरी है /
मन पर नियंत्रण कैसे करें ? -----
दोस्तों हमारा मन बहुत ही चंचल होता है / ये इतनी आसानी से नियंत्रित होने
वालों में से नहीं है / लेकिन कुछ अभ्यास के द्वारा इस पर कंट्रोल किया जा सकता है
/
भगवान कृष्ण ने मन पर नियंत्रण करने के लिए भगवत गीता में दो उपाय बताए हैं /
अभ्यास के द्वारा ---
दुनियां में असंभव कुछ भी नहीं है , हाँ मुश्किल जरूर है / और अगर मुश्किल है
तो संभव है , किया जा सकता है / मन पर पहली बार में नियंत्रण करना आसान नहीं है /
मन को वश में करने के लिए हमें अपने मन की नियत और चंचलता को समझना चाहिए / क्योकि
मन को वश में करने का मतलब उसके विषयों से खीचकर मन को एक विषय पर केन्द्रित करना
होता है / इस क्रिया को आपको प्रतिदिन बार बार करना होगा /
मन को स्थिर और वश में करने के लिए एक शांत स्थान का चुनाव कीजिए, जहां पर
आपको कोई DISTURB न करें , DISTRACT न करे / आसन लगाकर ध्यान मुद्रा में बैठ जाइए / रीढ़ सीधी कर लीजिए / अब आप
अपने साँसों को धीरे धीरे खीचिए , फिर धीरे धीरे छोडिए / अपना पूरा ध्यान अपनी
साँसों को खीचने औए छोडनें पर लगाने का प्रयास कीजिए / ऐसी अवस्था में आपका मन
भटकेगा , विचरण करेगा / करने दीजिए / उसे जहां जाना हो जाने दीजिए / आप बस दृढ़ता
पूर्वक अपना पूरा ध्यान अपने साँसों पर ही लगाए रखिए / सिर्फ आप अपने मन के भटकाव
को एक दर्शक की तरह देखिए , लेकिन आप उसके साथ न जाइए /
अगर आपका मन ज्यादा PROBLEM करे ,तो एक कल्पना कीजिए / आप स्वयं से कहिए कि, मैं एक
आत्मा हूँ , मन नहीं हूँ / आप मान लीजिए कि मन आपसे एकदम अलग है / मन को जहाँ भी
जाना हो जाए , मुझे तो सिर्फ साँसे गिनना है /
जब बार बार आप स्वयं से अपने मन को अलग करने की कल्पना करेंगे , तो धीरे धीरे
आपका मन शांत होने लगेगा / और इसी प्रकार रोज प्रतिदिन 10 मिनट ,20 मिनट .आधे घंटे रेगुलर
अभ्यास करने से आपका मन नियंत्रित होने लगेगा / और जब आपका मन आपके वश में होने
लगेगा तो आप अपने अच्छे से अच्छे कामों में सफलता हासिल करने लगेंगे /
स्वामी विवेकानंद , डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम , प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी आदि
महानतम हस्तियों ने अपने मन पर नियंत्रण करके ही सफलता अर्जित की है /
वैराग्य के द्वारा ---
भगवत गीता में मन पर नियंत्रण का दूसरा उपाय वैराग्य बताया गया है / वैराग्य
का अर्थ होता है त्यागना / इसका अर्थ यह बिलकुल
न लगाइए कि घर बार छोड़कर जंगल चले जाना ही वैराग्य है /
जो चीजे आपकी सफलता में रुकावट हैं ,
अवरोध हैं ,उसे आपको जरूर ही त्याग देना चाहिए / लेकिन आपका मन उस चीज को त्यागने
नहीं देगा / और इस प्रकार से अपने मन की न सुनकर स्वंय की सुनते हैं, और जरूरी
चीजे करते हैं / और मन द्वारा लालायित चीज का त्याग करते है तो, इसे वैराग्य कहते
हैं /
“मान लीजिए शाम को आपको पढ़ने
बैठना है / और यह आपके लिए जरूरी भी है / और उसी समय टी वी पर आपके मन पसंद कोई
मूवी आ रही है / या आप उसी समय टी वी देखने के शौक़ीन हैं / पर आप टी वी देखना
छोड़ना चाहते हैं / टी वी की आवाज आपके कानों में आते ही आपका मन उधर आकर्षित हो रहा
है / और आपका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है /
तो आपको अपना ध्यान टी वी से हटाने के लिए कोई दूसरा काम करना पड़ेगा / आप उसी
समय बाहर शैर पर जा सकते हैं / अब जब भी टी वी देखने या मूवी देखने का मन करे तो
किसी दूसरे काम में अपने मन को लगाकर ध्यान को हटाने की कोशिश करिए / कुछ दिनों
बाद टी वी या मूवी देखने की लालसा आपकी धीरे धीरे कम होने लगेगी / और मन शांत होकर
आपके अनुसार काम करने लगेगा /
तो दोस्तों आशा करता हूँ ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा , आपके मन नियंत्रण
में सहायक सिद्ध होगा / ये आपको कैसे लगा COMMENT BOX में COMMENT जरूर करें / और ऐसे ही
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जय हिन्द //
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