गुरुवार, 22 जुलाई 2021

How To Control Mind And Remove Unwanted Thoughts In Hindi / मन पर नियंत्रण कैसे करें

 मन पर नियंत्रण कैसे करें ?/ How To Control Mind And Remove Unwanted Thoughts

हमारा मन बहुत ही चंचल होता है / ये हमें एक जगह बैठने नहीं देता है / और सबसे बड़ी बात यह स्वार्थी बहुत होता है / इसे आपके अच्छे बुरे होने से नहीं मतलब , इसे  तो सिर्फ स्वयं की क्षणिक ख़ुशी से मतलब होता है / और अक्सरतः इसकी क्षणिक ख़ुशी के बदले में हमें बहुत परेशानियों को झेलना पड़ता है /

इसीलिए हमें मन पर नियंत्रण कैसे करें .से पहले मन पर नियंत्रण क्यों करें ? जानना होगा /

मन पर नियंत्रण क्यों जरूरी है ?

महाराज युधिष्ठिर से यक्ष ने पूछा था कि सबसे तेज कौन से चीज चलती है ? इस पर युधिष्ठिर ने जवाब दिया था ,मन / यानि दुनियां में मन से कोई भी चीज तेज नहीं चलती है / और जो चीज जितनी तेज चलती हैं , दुर्घटना के चान्सेस भी वही ज्यादा होते हैं /

मन पर अंकुश न किया जाए तो , यह मन आवारों की तरह भटकता है , और हमें तमाम PROBLEMS  में डाल देता है / आज संसार में अपराध के बढ़ने का कारण मन पर नियंत्रण न होना है /

असफलता, अनिद्रा, अप्रसन्नता, तनाव, बीमारी आदि का कारण आज हमारा मन ही है /

असफलता का कारण, मन का भटकाव –

मान लीजिए आप एक विद्यार्थी हैं / आने वाले 10 महीनों बाद आपका EXAM  है / तो आपको क्या करना चाहिए ? समय सारणी के अनुसार नित्य प्रतिदिन मेहनत से पढ़ाई करनी चाहिए / लेकिन आज आपका दोस्त मूवी देखने जा रहा है / उसने आपके पास फ़ोन किया कि वह मूवी देखने जा रहा है / क्या तुम भी चलोगे ? अब आप क्या करेंगे ? वही जो आपका मन कहेगा /अक्सर मन वही सलाह देता है , जो आपके लिए ठीक नहीं होता है / अब आपने सोचा कि चलो मूवी देखकर , लौटकर आएँगे तो पढ़ लेंगे / अब आप भी दोस्त के साथ मूवी देखने चले गए / लौट कर आए तो थक गए थे / फिर सोचा चलो अभी तो EXAMS दस महीने हैं / आज सोते हैं ,कल से पढाई करेंगे / सुबह जल्दी उठ जाएंगे / सुबह जब जल्दी उठना था तो, आपकी नीद तो खुली , लेकिन आपके मन ने कहा कि थोड़ी देर और सो लेते हैं / अब वो थोड़ी देर के चक्कर में आप सूरज के निकलने के बाद उठे / अर्थात देर में उठे /

फिर ये हुआ कि चलों शाम से शुरुवात करते हैं / इस प्रकार धीरे धीरे आपका मन आपके काम को आपसे कल पर टलवाता जा रहा है / और धीरे धीरे समय बीत रहा है / कोई न कोई मस्ती ,मूवी ,यार दोस्त , पार्टी , फ़ोन पर घंटो फालतू की बातें , शादी विवाह , फंक्शन , चैटिंग आदि के कारण आप पढ़ाई के लिए टालमटोल करते गए / और एक दिन EXAMS  सर पर आ गए / अब आप लगे पढ़ने / न खाने की टाइमिंग ,न समय पर नहाना , न समय से सोना , और तो और एक साल के कोर्स को महीने भर में पूरा करने का प्रेशर / और इस आपाधापी में कोर्स भी पूरा नहीं होता / किसी तरह तनाव में EXAM देते हैं / और RESULTS आते हैं ,तो या तो औसत पास मार्का नंबर पाते हैं या तो फेल हो जाते हैं /

जरा सोचिए इतनी सारी चीजे किसके कारण हुई / एकमात्र केवल मन पर नियंत्रण न होने के कारण /

अनिद्रा का कारण ,मन पर नियंत्रण न होना –

रात्रि के 10 बजे तक सभी को सो जाना चाहिए ,और सुबह भोर में उठना चाहिए / लेकिन देर रात तक लगे हैं फ़ोन से बाते करने में  / धीरे धीरे ये रूटीन रोज का हो गया है / एक इंसान को स्वस्थ रहने के लिए 6 से 7 घंटे नीद लेना जरूरी है / रात में देर से सोना और सुबह जल्दी उठने के प्रेशर के कारण अक्सर आज लोग अनिद्रा के शिकार हो रहे हैं / जिसके कारण अवसाद ग्रस्त होना , हाई ब्लड प्रेशर आदि की बीमारियों से लोग ग्रसित हो रहे हैं / कारण सिर्फ मन के वश में आप हैं /

अप्रसन्नता का कारण . मन पर नियंत्रण न होना –

जब आपकी नीद पूरी नहीं होगी , या आप अपने काबिलियत के अनुसार सफलता नहीं पा पा रहें हैं ,तो आप खिंचे खिंचे से रहते हैं / चहरे पर जैसे बारह बजे रहते हैं / ख़ुशी तो चेहरे से एकदम गायब हो जाती है /

बिना मेहनत के सफलता मिलती नहीं है / सफल होने के लिए आत्म अनुशासन जरूरी है / और आपका मन आपको मेहनत करने देता नहीं है / सफलता और मेहनत के बीच तमाम बहानों के रोड़े अटकाता है / और आपका मन आपकी खुशियाँ छीन लेता है /

तनाव या अवसाद का कारण, मन पर नियंत्रण न होना ---

मन पर नियंत्रण न होने के कारण आज लोग प्री जज करने लगते हैं / जो हुआ ही नहीं उसके बारे में नेगेटिव खयालात पहले से ही बुनने लगते हैं / और डर डर के जीने लगते हैं / ओवर थिंकिंग के कारण तनाव ,अवसाद , डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं /

अगर आप कभी ध्यान से सोचेंगे कि आप तनाव में क्यों हैं ? तो अधिकतर केसेज में पता चलेगा कि कारण कुछ नहीं , ओवर थिंकिंग ही होती है /

तमाम बीमारियों का कारण , मन पर नियंत्रण न होना –

आप तनाव ग्रस्त हैं , फेलियर हैं , ओवर थिंकर हैं , रात रात भर नीद नहीं आती तो क्या होगा ? डिप्रेशन की बीमारी , हाई लो बी.पी. की बीमारी आदि की शुरुवात हो जाती है /

सिर्फ एक मन जो हमारे शरीर में रहकर हमें कंट्रोल करता है / इतनी परेशानियाँ खड़ी करता है /

अब जरा सोचिए कि हमारा वास्तविक दुश्मन कौन है ? कोई बाहरी नहीं, बल्कि हमारे भीतर में रहने वाला हमारा ही मन है /

तमाम अपराध का कारण भी मन का नियंत्रण न होना है ---

मन पर नियंत्रण न होने के कारण आज की युवा पीढ़ी बीड़ी ,सिगरेट , शराब , चरस, चोरी आदि तमाम आपराधिक प्रवृतियों में लिप्त हो रही है / औए आए दिन ऐसे केसेज अखबारों  टी. वी., न्यूज़ में देखने को मिल जाते हैं /

इसीलिए दोस्तों एक स्वस्थ ,संपन्न , सुखी , ख़ुशी और सफल जीवन जीने के लिए मन पर नियंत्रण रखना , और नियंत्रित करने की कला को सीखना बहुत जरूरी है /

                 



मन पर नियंत्रण कैसे करें ? -----

दोस्तों हमारा मन बहुत ही चंचल होता है / ये इतनी आसानी से नियंत्रित होने वालों में से नहीं है / लेकिन कुछ अभ्यास के द्वारा इस पर कंट्रोल किया जा सकता है /

भगवान कृष्ण ने मन पर नियंत्रण करने के लिए भगवत गीता में दो उपाय बताए हैं /

अभ्यास के द्वारा ---

दुनियां में असंभव कुछ भी नहीं है , हाँ मुश्किल जरूर है / और अगर मुश्किल है तो संभव है , किया जा सकता है / मन पर पहली बार में नियंत्रण करना आसान नहीं है / मन को वश में करने के लिए हमें अपने मन की नियत और चंचलता को समझना चाहिए / क्योकि मन को वश में करने का मतलब उसके विषयों से खीचकर मन को एक विषय पर केन्द्रित करना होता है / इस क्रिया को आपको प्रतिदिन बार बार करना होगा /

मन को स्थिर और वश में करने के लिए एक शांत स्थान का चुनाव कीजिए, जहां पर आपको कोई DISTURB न करें , DISTRACT न करे / आसन लगाकर ध्यान मुद्रा में बैठ जाइए / रीढ़ सीधी कर लीजिए / अब आप अपने साँसों को धीरे धीरे खीचिए , फिर धीरे धीरे छोडिए / अपना पूरा ध्यान अपनी साँसों को खीचने औए छोडनें पर लगाने का प्रयास कीजिए / ऐसी अवस्था में आपका मन भटकेगा , विचरण करेगा / करने दीजिए / उसे जहां जाना हो जाने दीजिए / आप बस दृढ़ता पूर्वक अपना पूरा ध्यान अपने साँसों पर ही लगाए रखिए / सिर्फ आप अपने मन के भटकाव को एक दर्शक की तरह देखिए , लेकिन आप उसके साथ न जाइए /

अगर आपका मन ज्यादा PROBLEM करे ,तो एक कल्पना कीजिए / आप स्वयं से कहिए कि, मैं एक आत्मा हूँ , मन नहीं हूँ / आप मान लीजिए कि मन आपसे एकदम अलग है / मन को जहाँ भी जाना हो जाए , मुझे तो सिर्फ साँसे गिनना है /

जब बार बार आप स्वयं से अपने मन को अलग करने की कल्पना करेंगे , तो धीरे धीरे आपका मन शांत होने लगेगा / और इसी प्रकार रोज प्रतिदिन 10 मिनट ,20 मिनट .आधे घंटे रेगुलर अभ्यास करने से आपका मन नियंत्रित होने लगेगा / और जब आपका मन आपके वश में होने लगेगा तो आप अपने अच्छे से अच्छे कामों में सफलता हासिल करने लगेंगे /

स्वामी विवेकानंद , डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम , प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी आदि महानतम हस्तियों ने अपने मन पर नियंत्रण करके ही सफलता अर्जित की है /

वैराग्य के द्वारा ---

भगवत गीता में मन पर नियंत्रण का दूसरा उपाय वैराग्य बताया गया है / वैराग्य का अर्थ होता है त्यागना / इसका  अर्थ यह बिलकुल न लगाइए कि घर बार छोड़कर जंगल चले जाना ही वैराग्य है /

जो चीजे आपकी  सफलता में रुकावट हैं , अवरोध हैं ,उसे आपको जरूर ही त्याग देना चाहिए / लेकिन आपका मन उस चीज को त्यागने नहीं देगा / और इस प्रकार से अपने मन की न सुनकर स्वंय की सुनते हैं, और जरूरी चीजे करते हैं / और मन द्वारा लालायित चीज का त्याग करते है तो, इसे वैराग्य कहते हैं /

मान लीजिए शाम को आपको पढ़ने बैठना है / और यह आपके लिए जरूरी भी है / और उसी समय टी वी पर आपके मन पसंद कोई मूवी आ रही है / या आप उसी समय टी वी देखने के शौक़ीन हैं / पर आप टी वी देखना छोड़ना चाहते हैं / टी वी की आवाज आपके कानों में आते ही आपका मन उधर आकर्षित हो रहा है / और आपका मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है /

तो आपको अपना ध्यान टी वी से हटाने के लिए कोई दूसरा काम करना पड़ेगा / आप उसी समय बाहर शैर पर जा सकते हैं / अब जब भी टी वी देखने या मूवी देखने का मन करे तो किसी दूसरे काम में अपने मन को लगाकर ध्यान को हटाने की कोशिश करिए / कुछ दिनों बाद टी वी या मूवी देखने की लालसा आपकी धीरे धीरे कम होने लगेगी / और मन शांत होकर आपके अनुसार काम करने लगेगा /

तो दोस्तों आशा करता हूँ ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा , आपके मन नियंत्रण में सहायक सिद्ध होगा / ये आपको कैसे लगा COMMENT BOX में COMMENT जरूर करें / और ऐसे ही कामयाब आर्टिकल , MOTIVATIONAL मोटिवेशनल और इंस्पायरिंग थॉट्स और कहानियों के लिए इस पेज को FOLLOW  कीजिए /

जय हिन्द //     

     

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