रविवार, 27 जून 2021

HOW TO GET SURE SUCCESS IN YOUR CAREER / निश्चित सफलता का मूल सिद्धांत

 

आप बहुत मेहनत करते हैं / दिन भर काम करते हैं / नयी नयी चुनौतियों का सामना करने की लालसा भी है / आगे बढ़ना चाहते हैं ,लेकिन आप असफल हो जाते हैं / आखिर क्यों ?? 

    इस क्यों का जवाब शायद न हो आपके पास / और अगर होगा भी तो वही पुराना जवाब लो अकसर लोग बोलते ही हैं / 

मेरे मुकद्दर में है ही है नहीं  ये / ये काम मुझसे नहीं होगा / मैं इस काम के लिए बना ही नहीं / वगैरह वगैरह /

अगर आपको सफलता मिलती भी है तो, आपकी प्रतिभा या आपकी योग्यता से बहुत काम , यानि औसतन /

पता है क्यों ? तो आइए एक सर्वे के अनुसार जानते हैं ....

मार्क मैककार्मैक ने अपनी एक किताब जिसका नाम है " WHAT THEY DON'T TEACH YOU AT HARWARD BUSSINESS SCHOOL" में 1979 और 1989 में किए गए एक  अध्ययन का जिक्र किया है /

इसके अनुसार 1979 में HARWARD BUSSINESS SCHOOL के M.B.A. पासआउट के छात्रों से पूछा गया कि यहाँ से जाने के बाद आपका क्या प्लान है ? यानि आपके पास करने के लिए कोई लक्ष्य है ? जिसे आप हासिल करना चाहते हैं ? 

तो उन छात्रों में 3 प्रतिशत छात्रों ने जवाब दिया कि उनके पास लक्ष्य भी है और उसे हासिल करने के लिए योजना भी , और वे सब स्पष्ट रूप से लिखित /

13 प्रतिशत छात्रों ने जवाब दिया कि हाँ उनके पास भी करने के लिए लक्ष्य है , और योजना भी / लेकिन उसे लिखना वे अनिवार्य नहीं समझते /

और 84 प्रतिशत छात्रों का जवाब था कि अभी गर्मी की छुट्टियां मनाएंगे , उसके बाद सोचेंगे क्या करना है / यानि NO GOAL .

अब दस साल बाद 1989 में उन शोधकर्ताओं ने उन्हीं छात्रों से फिरसे संपर्क किया जो पास होकर दस साल पहले निकले थे / बहुत ही अदभुद परिणाम सामने आया /

वे 13 प्रतिशत छात्र जिनके पास अपना लक्ष्य था और योजनाएं भी थी , वे उन 84 प्रतिशत छात्र जो गर्मी की छुट्टी मनाने में पहले यकीन किए थे , उनसे वो औसतन दो गुना ज्यादा कमा रहे थे / और जिनके पास कोई लक्ष्य नहीं था उनमे अधिकतर अभी भी दर  दर  भटक रहे थे /

लेकिन सबसे आश्चर्य की बात तब मालूम पड़ी जब वे उन 3 प्रतिशत छात्रों से मिले जिनके पास अपने लक्ष्य भी थे  और प्लान भी थे, वो भी स्पष्ट रूप से  लिखित में / वे 3 प्रतिशत छात्र बाकी के 97 प्रतिशत छात्रों से औसतन दस गुना ज्यादा कमाई कर रहे थे / और कोई भी बेरोजगार नहीं था /

देखा जाए तो सभी ने M.B.A. किया था ,लेकिन चूक कहाँ हुई थी ? सिर्फ और सिर्फ स्पष्ट लक्ष्य बनाने और न बनाने में /

अब आपको शायद कुछ हद तक पता चल गया होगा कि, हम गलतियाँ कहाँ करते हैं ? 

हमें क्या करना है ये जरूर मालूम होना चाहिए ,वो भी एकदम क्लियर / बाद में किन्तु , परन्तु , लेकिन का सवाल न हो /

उसके बाद एक डायरी में CURRENT DATE के साथ जरूर लिखे / 

लेकिन अधिकतर लोग इस फर्क को जानते ही नहीं या लिखने की क्रिया को बकवास समझते हैं /

जबकि अगर हम अपने लक्ष्य को लिख लेते हैं, तो ये जादू जैसा काम करता है / और आप 50 प्रतिशत लड़ाई जीत जाते हैं /

लोग लक्ष्य क्यों नहीं बनाते हैं ? ........

  1. उन्हें पता ही नहीं होता कि लक्ष्य कैसे तय किए जाते हैं /
  2. वे असफलता से डरते हैं /
  3. उन्हें अस्वीकृति से डर लगता है /
  4. अगर वे न सफल हुए तो लोग क्या कहेंगे / इत्यादि इत्यादि /
ऐसे बहुत से कारण हैं जिसके कारण लोग अपने लक्ष्यों को लिखते ही नहीं और न ही उन्हें बनाते हैं, और न ही उनके पास काम को करने का  मास्टर प्लान ही होता है  / सिर्फ प्रत्येक काम हवा में करते हैं / और असफल होने पर दोषारोपण करते हैं /

सफलता के गारंटीड टिप्स .....

  1. आप तय करें कि वास्तव में आप क्या करना चाहते हैं / आपकी अपनी स्किल क्या है / इसे अपनी डायरी पर जरूर  लिखे / 
  2. अपने लक्ष्य को लिखने के बाद तय करे कि ये आपको कितने समय में अचीव करना करना है / वह तारीख भी लिखे /
  3. अब प्लानिंग करे कि काम को करना कैसे है / अपने प्लान को लॉन्ग टर्म , मिड टर्म  और शार्ट टर्म में बाँट लें /
  4. अर्थात अपनी प्लानिंग एकदम स्पष्ट होनी चाहिए , कि कब कब क्या क्या करना है /
  5. साप्ताहिक या मासिक निरिक्षण करते रहें कि अभी तक कितना काम हुआ , कितना बचा , क्या गलत रहा , क्या सही रहा , सभी चीजो पर मंथन करते रहें /
  6. काम में निरंतरता बनाए रखे , जब तक कि आपको स्पष्ट रूप से सफलता न मिल जाए /
  7. अगर नियत समय पर वो सफलता नहीं भी मिलती है तो, अवधि को अपने काम के अनुसार आगे बढ़ा सकते हैं , लेकिन ये भी लिखा हुआ होना चाहिए /
कोई भी काम हवा में नहीं करना चाहिए , बल्कि आपके लक्ष्य सुस्पष्ट और रिटेन फॉर्म में होने चाहिए / बारीकी से समय समय पर अपने काम का निरीक्षण करना  , और नियम बद्ध तरीके से काम को करना ही सफलता का मूल मन्त्र है / 

महान MLM LEADER MR SONU SHARMA ने भी अपने सक्सेज का राज यही बताया है कि, उनका लक्ष्य हमेशा से क्लियर और लिखित रहा है / यहाँ तक कि  वे लक्ष्य को बड़े बड़े पोस्टर में लिखवा या बनवा कर अपने रूम के दीवारों पर चस्पा करवा देते थे / और लक्ष्य पूरा होते ही अगले लक्ष्य का पोस्टर चिपका देते थे / 

 अर्जुन के महान धनुर्धर होने का एकमात्र कारण उनका अपने लक्ष्य का स्पष्ट और उसपर उनका अपने ध्यान का केन्द्रित होना था  / यानि लक्ष्य के केन्द्रित होने के बाद मन में किसी प्रकार की शंका या सवाल होने का भ्रम ही नहीं रह जाता था / 
आपके किए एक खुशखबरी है कि  " आप जिस चीज को लम्बे समय तक और प्रबलता यानि दृढ़ इक्षा से चाहे , उसे अंततः हासिल कर सकते हैं /
महान आइल बिलियेनियर एच. एल. हट. से एक बार पूछा  गया की सफलता का रहस्य क्या है ?
उन्होंने जवाब दिया कि , सफलता के लिए दो चीजों की जरूरत होती है /
पहला ...आपको ये पक्का पता होना चाहिए कि आप क्या चाहते हैं / क्योंकि ज्यादातर लोग यह बात कभी पता ही नहीं कर पाते /
दूसरा ... आपको वह कीमत तय कर लेनी चाहिए , जो आप अपनी मनचाही चीज या लक्ष्य को पाने के लिए चुकाना चाहते हैं / और फिर आपको वह कीमत चुकाने में जुट जाना चाहिए /

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जय हिन्द //
 


  

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