" एक समय में एक ही काम करो और उसे पूरी निष्ठा के साथ करो" - स्वामी विवेकानंद जी
कहानी: एकाग्र मन की
एक लड़का था, नाम था कबीर,जो बहुत ही मेहनती था, लेकिन उसका मन कभी भी किसी एक काम पर नहीं टिकता था। वह कभी पढ़ाई के बारे में सोचता तो पढ़ाई करने लगता, तो कभी अन्य बच्चों को क्रिकेट खेलते देखता तो क्रिकेट खेलने लगता, तो कभी पेंटिंग बनाता, तो कभी नए विचार या बिजनेस आइडियाज के बारे में सोचता। लेकिन कभी किसी भी काम में वह सफल नहीं हो पा रहा था।
उसके माता-पिता उसके अध्यापक बड़े बुजुर्ग और दोस्त भी उसे समझाते रहते थे कि, उसे किसी एक लक्ष्य पर फोकस करना चाहिए और उसी में जी जान से जुट जाना चाहिए, लेकिन कबीर को लगता था कि उसके अंदर हर प्रकार के गुण हैं और वह सब कुछ एक साथ कर सकता है। उसको अपने ऊपर अति आत्मविश्वास था | लेकिन वह अपने मन को कंट्रोल नहीं कर पाता था और न ही किसी भी काम को पूरा ही कर पाता था |
एक दिन कबीर एक बड़े तेजस्वी गुरु से मिला और जो उसकी अपनी समस्या थी खुल कर बताई। गुरु उसकी बात सुनकर मुस्कुराए और फिर बोले, " तुम कल सुबह नदी के किनारे आना, तो मैं तुम्हें कुछ महत्वपूर्ण बात बताऊंगा।"
तो अगले दिन कबीर समय से गुरु के बताए हुए स्थान पर पहुंच गया | अब गुरु ने कबीर को एक कटोरा देकर कहा, " जाओ इस कटोरे में पानी भरकर मेरे पास लाओ, लेकिन ध्यान रखना कि, इस कटोरे से एक बूंद भी पानी नीचे गिरना नहीं चाहिए।" कबीर ने कटोरा लिया और धीरे धीरे नदी की ओर चला गया।
लेकिन जैसे ही वह कटोरे में पानी भरकर वापस लौटने लगा, उसका ध्यान चिड़ियों चहचहाहट, आस पास में बहती हवा की सरसराहट और खेत खलिहानों मैदानों में खेल रहे बच्चों की तेज आवाजों की ओर चला गया। इस प्रकार वह हर एक चीज जो उसके आस पास घटित हो रही थी उसको देखना और सुनना चाहता था, और उसी दौरान उसके कटोरे से थोड़ा पानी छलक कर नीचे गिर गया। जब वह गुरु के पास पहुँचा, तो कटोरे में बहुत कम पानी बचा था।
फोकस का महत्व
गुरु ने ये सब देखकर कबीर से मुस्कुराकर पूछा, "क्या तुमने कटोरे में भरे पानी को बचाने पर पूरा ध्यान दिया था?"
तब कबीर ने सिर झुका लिया और बोला, "नहीं, गुरु जी मेरा ध्यान मेरा मन इधर-उधर भटक गया था।"
गुरु ने कहा, "कबीर तुम्हारी सबसे बड़ी यही समस्या है। कि जो तुम एक ही समय में कई चीजों पर ध्यान देने की कोशिश करते हो, और उसी के कारण तुम किसी भी काम में पूरी तरह सफल नहीं हो पाते। अगर तुमने सिर्फ कटोरे पर अपना पूरा ध्यान और मन केंद्रित किया होता, तो कटोरे का सारा पानी बचा होता।
हमारे जीवन में भी यही नियम लागू होता है – अगर तुम किसी एक लक्ष्य पर पूरा ध्यान नहीं लगाओगे, तो सफलता नहीं मिलेगी।"
कबीर के मन का परिवर्तन
इस सीख ने कबीर के मन को ही बदल दी। उसकी पूरी सोच ही बदल गई | अब उसने अनेक कार्य न चुनकर केवल अपने जीवन का एक ही लक्ष्य चुना और पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ उसे पूरा करने में लग गया|देखते देखते कुछ ही वर्षों में, वह अपने क्षेत्र में सफल हो गया और लोगों के लिए प्रेरणा और आदर्श बन गया।
कहानी की शिक्षा
युवा सम्राट स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था, "एक समय में केवल एक ही काम करो और उसे पूरी निष्ठा के साथ करो।" जब हम अपने मन को अपने ध्यान को भटकाते हैं, तो हमारी ऊर्जा हमारी ताकत बंट जाती है और हम किसी भी काम में उत्कृष्टता प्राप्त नहीं कर पाते। अगर हम अपने जीवन में सफलता चाहते हैं, तो हमें उस लड़के कबीर की तरह एक बार में एक ही लक्ष्य पर केंद्रित होकर काम करना होगा।
कहानी का निष्कर्ष
तो मित्रों अगर आप भी अपने जीवन में सफल होना चाहते हो, तो "एक समय में एक ही काम करो और उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करो।" यही सफलता का असली रहस्य है!
मित्रों आपको ये कहानी कैसी लगी, कमेंट में जरूर बताएं और अपने दोस्तों को इस प्रेरणादायक विचार को जरूर शेयर करें , जय हिंद
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