सफलता पाने का जादुई तरीका
अपने मनचाहे लक्ष्य को बार बार लिखने से आपकी सफलता के चान्सेज बढ़ जाते हैं , ये बाते 100 टका सत्य है / इसी प्रकार से अपने लक्ष्य को 100 प्रतिशत हासिल करना भी एक कला है , और ये कला जिसको भी आती है वे आज सक्सेजफुल इन्सान हैं / तो इस कला से आपको भी भली भांति परिचित होना चाहिए /
आज मैं आपको टिप्स नहीं
बल्कि एक मैजिकल ट्रिक बताने वाला हूँ , जो 100 प्रतिशत कारगर है , और
तीव्र सफलता पाने की इक्षा रखने वालों के लिए तो अलादीन का चिराग है /
तो आइए सफलता के इस ट्रिक्स को आपको SHARE करते हैं /
आपने अपने लक्ष्य को सेट कर
लिए हैं / अब आपको योजना बद्ध तरीके से उसे हासिल करने के तरीके से जुट जाना चाहिए / जल्दी
सफल होने के लिए आपको अपने काम को रफ़्तार देनी होगी / यह कुछ इस प्रकार से है कि
गाड़ी को रफ़्तार देने के लिए एक्सीलेटर को दबाना होगा / लेकिन अगर आपको गाड़ी को
नियंत्रित करने की कला नहीं आती तो दुर्घटना के चान्सेज हो सकते हैं / इसी प्रकार
अगर निश्चित सफलता अर्जित करनी है तो हमें अपने दिमाग को नियंत्रित करना आना चाहिए
/
मैं आपसे पहले भी कह चुका
हूँ ,और फिर आज दोहरा रहा हूँ कि, “ आप जिसके बारे में
ज्यादातर सोचते हैं , आप वही बन जाते हैं , या आपको वही मिलता है “ /
इसीलिए आप अपने लक्ष्य को
जरूर पूरा कर सकते हैं , बस उसमे आप जीना सीख लीजिए / आज मैं जो आपको ट्रिक बताने
वाला हूँ ,उसपर आप अमल करके अपने लक्ष्य को आसानी से और जल्दी पा सकते हैं /
सकारात्मक सोच और सकारात्मक ज्ञान में फर्क ---- सकारात्मक सोच रखना अच्छी बात है , लेकिन किसी भी लक्ष्य को
पाने के लिए पर्याप्त नहीं है / क्योकि अगर सकारात्मक सोच को नियंत्रित न रखा जाए
और सही दिशा न दी जाए तो यही सोच मात्र एक इक्षा और उम्मीद बनकर रह जाती है जो कभी
भी पूरी नहीं होती है /
इसीलिए हमें अपनी सकारात्मक
सोच को सकारात्मक ज्ञान या जानकारी में बदलना होगा / आपको अपने अंतर्मन को पक्का
विश्वास दिलाना होगा कि आप अपने तय लक्ष्य को जरूर से जरूर हासिल कर लेंगे / आपको
अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खुद से वायदा करना होगा कि, अब चाहे कुछ भी हो
जाए हर हाल में जीत पा कर रहूँगा /
याद रखिए “ इस दुनियां को पढ़े लिखे लोंगों ने नहीं बल्कि पागलों और
जिद्दी लोगों ने बदला है “/
वही पागलपन, वही जिद , वही
जूनून आपको अपने अन्दर लाना होगा /
अपने अवचेतन मन (SUBCONSCIOUS MIND) को अपने लक्ष्य के बारे में बताएं---- एक मानसिक नियम (MENTAL LAW) है कि, आप अपने SUBCONSCIOUS MIND को जो भी यकीन दिलाते हैं , या अपनी अंतरात्मा को जो भी विश्वास दिलाते हैं , या जो आपके विश्वास से आपके मन में गहरी छाप पड़ती है, वो आपको आपके बाहरी जगत में भी देखने को मिलती है / यानि जो अन्दर होगा वही बाहर भी मिलेगा /इसीलिए हमें अपने SUBCONSCIOUS MIND को बार बार ये विश्वास दिलाना होगा कि आप जो चाहते हैं उसे पक्का कर सकते हैं /
अब ये कैसे करना है आगे पढ़िए /
सबसे पहले अपने मनचाहे लक्ष्य को लिखे – यह बहुत ही कारगर तकनीक है अपने लक्ष्य को बेहतरीन तरीके
से हासिल करने की / यह तकनीक जादू के तरीके से काम करता है / चमत्कार पर विश्वास न
हो तो करके देख लीजिएगा / अधिकतर सफल लोग इसी ट्रिक को आज भी आजमाते हैं / अपने
लक्ष्य को बार बार लिखते हैं ,और हफ्ते , महीने उसकी समीक्षा करते रहते हैं /
आप एक स्पाइरल नोट बुक ले
लीजिए / सुबह उठने के तुरंत बाद और रात्रि में सोने के पहले अपने लक्ष्यों को
लिखिए / अगर आपके एक से ज्यादा लक्ष्य हैं तो उसे भी क्रम से लिखे / दुबारा जब नोट
बुक में अपने इन्ही लक्ष्यों को लिखे तो, पहले लिखे हुए को कॉपी न करे / यानि देखकर
नहीं लिखना है /
पहली बार अपने लक्ष्यों को
लिखते समय आपको सोचने में समय लगेगा / लेकिन दूसरी या तीसरी बार लिखते समय पहले
जैसा समय नहीं लगेगा / अब इस क्रम को रेगुलर सुबह शाम करते रहें / धीरे धीरे एक
दिन , दो दिन , हफ्ते महीने में आपके लक्ष्य आपके माइंड में इस तरह से पेस्ट हो
जाएंगे कि, लगेगा कि ये मेरे लक्ष्य नहीं बल्कि मेरे जीवन के अंग हैं /
जब आपके एक से ज्यादा लक्ष्य हो तो पहली बार
उन्हें अपने प्राथिमिकता क्रम में लिखें / जब पहले की सूची को बिना देखे दुबारा आप
लिखेंगे तो, ये क्रम बदल भी सकते हैं , और कुछ लक्ष्य आपके दिमाग में ही न आए यानि
आप भूल भी सकते हैं / यही आपकी सही प्राथिमिकता का क्रम होगा / क्योकि जो आपकी
तीव्र इक्षाएं हैं वो दिमाग से कभी भी नहीं फिसलती / अब इसी क्रम को रोज सुबह शाम
करते जाएँ / कुछ दिन बाद आपके लक्ष्य को आपका SUBCONSCIOUS MIND ACCEPT कर लेगा / अर्थात
आपकी भाषा में कहें तो छप जाएंगे /
ट्रिपल P के फोर्मुले का उपयोग करे
--- पहले ( P ) का मतलब है
सकरात्मता (POSITIVE) , दूसरे ( P ) का मतलब है वर्तमान ( PRESENT), तीसरे P का मतलब है
व्यक्तिगत (PERSONAL) /
यह क्या है कैसे उपयोग करना
है ? हमारे लक्ष्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ? आगे पढ़िए /
अपने SUBCONSCIOUS MIND को ACTIVE करें ----- आपका अवचेतन मन हमेशा वर्तमान में कहे सकारात्मक बातों से
ही सक्रिय होता है / इसीलिए हमें अपने लक्ष्यों को ट्रिपल P फार्मूले के अनुसार
लिखना है / अर्थात सकारात्मक हो , वर्तमान में हो, और व्यक्तिगत हो /
जैसे मान लीजिए आपका लक्ष्य
है , 2 लाख रूपए महीने कमाने का / तो आप इसे कुछ इस प्रकार लिखते हैं कि “ आज से ठीक एक साल बाद मैं 2 लाख रूपए महीने कमाऊंगा “/
अब इसे पहले की तरह न लिखकर
इस प्रकार लिखिए “ मैं साल के
प्रत्येक महीने 2 लाख कमाता हूँ “/ इस लक्ष्य में
सकारात्मकता यानि पहला P , के साथ वर्तमान यानि दूसरा P भी है /
“ 2 महीने में 5 KG वजन कम कर लूँगा ” की जगह आप जितना अपना वजन चाहते हैं उतना लिखिए
/ मान लीजिए आप 65 KG हैं और 5 KG वजन कम करना है तो आप लिखिए कि “ मैं 60 KG का हूँ “/
इसमे झूठ कुछ भी
नहीं है बल्कि अपने SUBCONSCIOUS MIND को सन्देश भेजने का तरीका है ये , जो वो समझता है /
जब आप अपने लक्ष्य
को इस प्रकार से लिखेंगे तो आपके साथ कुछ दिनों में चमत्कार सा होने लगेगा /
क्योकि आपका SUBCONSCIOUS MIND सकारात्मक और वर्तमान बातों या चीजो को ही ग्रहण करता है / इसीलिए ट्रिपल P के फार्मूले का उपयोग करें / दो P क्या है, कैसे काम करता है, ये आपको मालूम हो गया /
अब तीसरा P है PERSONAL यानि व्यक्तिगत /
व्यक्तिगत शब्द है “मैं “ / यह शब्द सिर्फ और सिर्फ अपने लिए ही उपयोग किया जाता है /
आपको अपने लक्ष्य
में सबसे पहले “मैं” शब्द का उपयोग करना है , क्योकि जब आप ये कहते हैं कि “मैं एक IAS ऑफिसर हूँ” तो “मैं” शब्द जैसे SUBCONSCIOUS MIND को आदेश देता है, परिणाम स्वरुप आपका माइंड उसे वास्तविकता में बदलने के लिए
जुट जाता है /
“ मैं मर्सिडीज कार का मालिक हूँ “ / “ मैं तीन लाख रूपए महीने कमाता हूँ “ / याद रखिए आपको अपने लक्ष्य भविष्य प्रेरक नहीं लिखने हैं
/
अपने लक्ष्य को TIME BOUNDED कर लें – अपने रोज लिखने वाले लक्ष्यों की ताक़त बढाने के
लिए लक्ष्य की डेड लाइन तय कर दीजिए /
जैसे .. “ मैं 6 जनवरी से हर महीने 2
लाख कमाता हूँ “( इसके बाद वह साल भी लिख ले जैसे सन 2023) /
आपका दिमाग
सकारात्मकता , वर्तमान और डेड लाइन को भली भांति जानता है, और इसी की भाषा को
समझता है/ भले ही लक्ष्य लिखते समय आपको यह न मालूम हो कि लक्ष्य कैसे हासिल होगा ,
लेकिन बावजूद इसके वो तारीख और वर्ष जरूर लिखे जब आप अपने लक्ष्य को पूरा होना
देखना चाहते हैं /
बस आप इस तरीके को
सुबह शाम करना शुरू कर दें /अभी तक आपने चमत्कार शब्द सुना है, यकीन मानिए चमत्कार
होते हुए भी देखेंगे /
ये लक्ष्य लिखने की
प्रक्रिया आपके दिमाग को वो खुराक दे देगी , जिससे आपके अन्दर नयी शक्ति का आभास
होगा / काम करने के लिए लालायित रहेंगे / और सक्सेस मिला कि नहीं ये आप खुद
बताएँगे /
हाँ एक बात ध्यान
देना है की लिखिए वही जो आप वास्तव में पाना चाहते हैं / जिस लक्ष्य से आपको प्यार
है / ऐसा नहीं कि आप 50 साल के हैं और लिख
दे की “मैं एक IAS ऑफिसर हूँ “ / लिखिए वही जो वास्तविकता से पूर्ण हो और आपकी
जद में हो / फतांसी न बुने /
बस आप इस प्रक्रिया
पर भरोसा करें / लक्ष्यों को लिखें , उसे रोज 10 मिनट देखे ,कल्पना करें और समीक्षा करें /
तो देखते देखते आप
वो सब कुछ करने लगेंगे, एक नयी ऊर्जा के साथ जो आप अभी तक भूले बैठे थे /
तो बस दोस्तों आपका
हर सपना जरूर पूरा होगा , इस विश्वास के साथ जुट जाइए / आने वाला समय आपका है /
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