सोमवार, 28 जून 2021

MAGICAL TRICKS OF GETTING SURE SUCCES / सफलता पाने का जादुई तरीका

 सफलता पाने का जादुई तरीका

 अपने मनचाहे लक्ष्य को बार बार लिखने से आपकी सफलता के चान्सेज बढ़ जाते हैं , ये बाते 100 टका सत्य है /  इसी प्रकार से अपने लक्ष्य को 100 प्रतिशत हासिल करना भी एक कला है , और ये कला जिसको भी आती है वे आज सक्सेजफुल इन्सान हैं / तो इस कला से आपको भी भली भांति परिचित होना चाहिए /

आज मैं आपको टिप्स नहीं बल्कि एक मैजिकल ट्रिक बताने वाला हूँ , जो 100 प्रतिशत कारगर है , और तीव्र सफलता पाने की इक्षा रखने वालों के लिए तो अलादीन का चिराग है /

    तो आइए सफलता के इस ट्रिक्स को आपको SHARE करते हैं /

आपने अपने लक्ष्य को सेट कर लिए हैं / अब आपको योजना बद्ध तरीके से उसे हासिल करने के तरीके से जुट जाना चाहिए / जल्दी सफल होने के लिए आपको अपने काम को रफ़्तार देनी होगी / यह कुछ इस प्रकार से है कि गाड़ी को रफ़्तार देने के लिए एक्सीलेटर को दबाना होगा / लेकिन अगर आपको गाड़ी को नियंत्रित करने की कला नहीं आती तो दुर्घटना के चान्सेज हो सकते हैं / इसी प्रकार अगर निश्चित सफलता अर्जित करनी है तो हमें अपने दिमाग को नियंत्रित करना आना चाहिए /

मैं आपसे पहले भी कह चुका हूँ ,और फिर आज दोहरा रहा हूँ कि, आप जिसके बारे में ज्यादातर सोचते हैं , आप वही बन जाते हैं , या आपको वही मिलता है /

इसीलिए आप अपने लक्ष्य को जरूर पूरा कर सकते हैं , बस उसमे आप जीना सीख लीजिए / आज मैं जो आपको ट्रिक बताने वाला हूँ ,उसपर आप अमल करके अपने लक्ष्य को आसानी से और जल्दी पा सकते हैं /

सकारात्मक सोच और सकारात्मक ज्ञान में फर्क ---- सकारात्मक सोच रखना अच्छी बात है , लेकिन किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए पर्याप्त नहीं है / क्योकि अगर सकारात्मक सोच को नियंत्रित न रखा जाए और सही दिशा न दी जाए तो यही सोच मात्र एक इक्षा और उम्मीद बनकर रह जाती है जो कभी भी पूरी नहीं होती है /

इसीलिए हमें अपनी सकारात्मक सोच को सकारात्मक ज्ञान या जानकारी में बदलना होगा / आपको अपने अंतर्मन को पक्का विश्वास दिलाना होगा कि आप अपने तय लक्ष्य को जरूर से जरूर हासिल कर लेंगे / आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खुद से वायदा करना होगा कि, अब चाहे कुछ भी हो जाए हर हाल में जीत पा कर रहूँगा /

याद रखिए इस दुनियां को पढ़े लिखे लोंगों ने नहीं बल्कि पागलों और जिद्दी लोगों ने बदला है /

वही पागलपन, वही जिद , वही जूनून आपको अपने अन्दर लाना होगा /

अपने अवचेतन मन (SUBCONSCIOUS MIND) को अपने लक्ष्य के बारे में बताएं---- एक मानसिक नियम (MENTAL LAW) है कि, आप अपने SUBCONSCIOUS MIND को जो भी यकीन दिलाते हैं , या अपनी अंतरात्मा को जो भी विश्वास दिलाते हैं , या जो आपके विश्वास से आपके मन में गहरी छाप पड़ती है, वो आपको आपके बाहरी जगत में भी देखने को मिलती है / यानि जो अन्दर होगा वही बाहर भी मिलेगा /इसीलिए हमें अपने SUBCONSCIOUS MIND को बार बार ये विश्वास दिलाना होगा कि आप जो चाहते हैं उसे पक्का कर सकते हैं /

अब ये कैसे  करना है आगे पढ़िए /

सबसे पहले अपने मनचाहे लक्ष्य को लिखे – यह बहुत ही कारगर तकनीक है अपने लक्ष्य को बेहतरीन तरीके से हासिल करने की / यह तकनीक जादू के तरीके से काम करता है / चमत्कार पर विश्वास न हो तो करके देख लीजिएगा / अधिकतर सफल लोग इसी ट्रिक को आज भी आजमाते हैं / अपने लक्ष्य को बार बार लिखते हैं ,और हफ्ते , महीने उसकी समीक्षा करते रहते हैं /

आप एक स्पाइरल नोट बुक ले लीजिए / सुबह उठने के तुरंत बाद और रात्रि में सोने के पहले अपने लक्ष्यों को लिखिए / अगर आपके एक से ज्यादा लक्ष्य हैं तो उसे भी क्रम से लिखे / दुबारा जब नोट बुक में अपने इन्ही लक्ष्यों को लिखे तो, पहले लिखे हुए को कॉपी न करे / यानि देखकर नहीं लिखना है /

पहली बार अपने लक्ष्यों को लिखते समय आपको सोचने में समय लगेगा / लेकिन दूसरी या तीसरी बार लिखते समय पहले जैसा समय नहीं लगेगा / अब इस क्रम को रेगुलर सुबह शाम करते रहें / धीरे धीरे एक दिन , दो दिन , हफ्ते महीने में आपके लक्ष्य आपके माइंड में इस तरह से पेस्ट हो जाएंगे कि, लगेगा कि ये मेरे लक्ष्य नहीं बल्कि मेरे जीवन के अंग हैं /

 जब आपके एक से ज्यादा लक्ष्य हो तो पहली बार उन्हें अपने प्राथिमिकता क्रम में लिखें / जब पहले की सूची को बिना देखे दुबारा आप लिखेंगे तो, ये क्रम बदल भी सकते हैं , और कुछ लक्ष्य आपके दिमाग में ही न आए यानि आप भूल भी सकते हैं / यही आपकी सही प्राथिमिकता का क्रम होगा / क्योकि जो आपकी तीव्र इक्षाएं हैं वो दिमाग से कभी भी नहीं फिसलती / अब इसी क्रम को रोज सुबह शाम करते जाएँ / कुछ दिन बाद आपके लक्ष्य को आपका SUBCONSCIOUS MIND ACCEPT कर लेगा / अर्थात आपकी भाषा में कहें तो छप जाएंगे /

ट्रिपल P के फोर्मुले का उपयोग करे --- पहले ( P ) का मतलब है सकरात्मता (POSITIVE) , दूसरे ( P ) का मतलब है वर्तमान ( PRESENT), तीसरे P का मतलब है व्यक्तिगत  (PERSONAL) /

यह क्या है कैसे उपयोग करना है ? हमारे लक्ष्य पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा ? आगे पढ़िए /

अपने SUBCONSCIOUS MIND को  ACTIVE करें ----- आपका अवचेतन मन हमेशा वर्तमान में कहे सकारात्मक बातों से ही सक्रिय होता है / इसीलिए हमें अपने लक्ष्यों को ट्रिपल P फार्मूले के अनुसार लिखना है / अर्थात सकारात्मक हो , वर्तमान में हो, और व्यक्तिगत हो /

जैसे मान लीजिए आपका लक्ष्य है , 2 लाख रूपए महीने कमाने का / तो आप इसे कुछ इस प्रकार लिखते हैं कि आज से ठीक एक साल बाद मैं 2 लाख रूपए महीने कमाऊंगा /

अब इसे पहले की तरह न लिखकर इस प्रकार लिखिए मैं साल के प्रत्येक महीने 2 लाख कमाता हूँ / इस लक्ष्य में सकारात्मकता यानि पहला P , के साथ वर्तमान यानि दूसरा P भी है /

2 महीने में 5 KG वजन कम कर लूँगा की जगह आप जितना अपना वजन चाहते हैं उतना लिखिए / मान लीजिए आप 65 KG हैं और 5 KG वजन कम करना है तो आप लिखिए कि मैं 60 KG का हूँ /

इसमे झूठ कुछ भी नहीं है बल्कि अपने SUBCONSCIOUS MIND को सन्देश भेजने का तरीका है ये , जो वो समझता है /

जब आप अपने लक्ष्य को इस प्रकार से लिखेंगे तो आपके साथ कुछ दिनों में चमत्कार सा होने लगेगा / क्योकि आपका SUBCONSCIOUS MIND सकारात्मक और वर्तमान बातों या चीजो को ही ग्रहण करता है / इसीलिए ट्रिपल P के फार्मूले का उपयोग करें / दो P क्या है, कैसे काम करता है, ये आपको मालूम हो गया /

अब तीसरा P है PERSONAL यानि व्यक्तिगत / व्यक्तिगत शब्द है मैं / यह शब्द सिर्फ और सिर्फ अपने लिए ही उपयोग किया जाता है /

आपको अपने लक्ष्य में सबसे पहले मैं शब्द का उपयोग करना है , क्योकि जब आप ये कहते हैं कि मैं एक IAS ऑफिसर हूँ तो मैं शब्द जैसे SUBCONSCIOUS MIND को आदेश देता है, परिणाम स्वरुप आपका माइंड उसे वास्तविकता में बदलने के लिए जुट जाता है /

मैं मर्सिडीज कार का मालिक हूँ / मैं तीन लाख रूपए महीने कमाता हूँ / याद रखिए आपको अपने लक्ष्य भविष्य प्रेरक नहीं लिखने हैं /

अपने लक्ष्य को TIME BOUNDED कर लें – अपने रोज लिखने वाले लक्ष्यों की ताक़त बढाने के लिए लक्ष्य की डेड लाइन तय कर दीजिए /

जैसे .. मैं 6 जनवरी से हर महीने 2 लाख कमाता हूँ ( इसके बाद वह साल भी लिख ले जैसे सन 2023) /

आपका दिमाग सकारात्मकता , वर्तमान और डेड लाइन को भली भांति जानता है, और इसी की भाषा को समझता है/ भले ही लक्ष्य लिखते समय आपको यह न मालूम हो कि लक्ष्य कैसे हासिल होगा , लेकिन बावजूद इसके वो तारीख और वर्ष जरूर लिखे जब आप अपने लक्ष्य को पूरा होना देखना चाहते हैं /

बस आप इस तरीके को सुबह शाम करना शुरू कर दें /अभी तक आपने चमत्कार शब्द सुना है, यकीन मानिए चमत्कार होते हुए भी देखेंगे /

ये लक्ष्य लिखने की प्रक्रिया आपके दिमाग को वो खुराक दे देगी , जिससे आपके अन्दर नयी शक्ति का आभास होगा / काम करने के लिए लालायित रहेंगे / और सक्सेस मिला कि नहीं ये आप खुद बताएँगे /

हाँ एक बात ध्यान देना है की लिखिए वही जो आप वास्तव में पाना चाहते हैं / जिस लक्ष्य से आपको प्यार है / ऐसा नहीं कि आप 50 साल के हैं और लिख दे की मैं एक IAS ऑफिसर हूँ / लिखिए वही जो वास्तविकता से पूर्ण हो और आपकी जद में हो / फतांसी न बुने /

बस आप इस प्रक्रिया पर भरोसा करें / लक्ष्यों को लिखें , उसे रोज 10 मिनट देखे ,कल्पना करें और समीक्षा करें /

तो देखते देखते आप वो सब कुछ करने लगेंगे, एक नयी ऊर्जा के साथ जो आप अभी तक भूले बैठे थे /

तो बस दोस्तों आपका हर सपना जरूर पूरा होगा , इस विश्वास के साथ जुट जाइए / आने वाला समय आपका है /

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जय हिन्द // 

रविवार, 27 जून 2021

HOW TO GET SURE SUCCESS IN YOUR CAREER / निश्चित सफलता का मूल सिद्धांत

 

आप बहुत मेहनत करते हैं / दिन भर काम करते हैं / नयी नयी चुनौतियों का सामना करने की लालसा भी है / आगे बढ़ना चाहते हैं ,लेकिन आप असफल हो जाते हैं / आखिर क्यों ?? 

    इस क्यों का जवाब शायद न हो आपके पास / और अगर होगा भी तो वही पुराना जवाब लो अकसर लोग बोलते ही हैं / 

मेरे मुकद्दर में है ही है नहीं  ये / ये काम मुझसे नहीं होगा / मैं इस काम के लिए बना ही नहीं / वगैरह वगैरह /

अगर आपको सफलता मिलती भी है तो, आपकी प्रतिभा या आपकी योग्यता से बहुत काम , यानि औसतन /

पता है क्यों ? तो आइए एक सर्वे के अनुसार जानते हैं ....

मार्क मैककार्मैक ने अपनी एक किताब जिसका नाम है " WHAT THEY DON'T TEACH YOU AT HARWARD BUSSINESS SCHOOL" में 1979 और 1989 में किए गए एक  अध्ययन का जिक्र किया है /

इसके अनुसार 1979 में HARWARD BUSSINESS SCHOOL के M.B.A. पासआउट के छात्रों से पूछा गया कि यहाँ से जाने के बाद आपका क्या प्लान है ? यानि आपके पास करने के लिए कोई लक्ष्य है ? जिसे आप हासिल करना चाहते हैं ? 

तो उन छात्रों में 3 प्रतिशत छात्रों ने जवाब दिया कि उनके पास लक्ष्य भी है और उसे हासिल करने के लिए योजना भी , और वे सब स्पष्ट रूप से लिखित /

13 प्रतिशत छात्रों ने जवाब दिया कि हाँ उनके पास भी करने के लिए लक्ष्य है , और योजना भी / लेकिन उसे लिखना वे अनिवार्य नहीं समझते /

और 84 प्रतिशत छात्रों का जवाब था कि अभी गर्मी की छुट्टियां मनाएंगे , उसके बाद सोचेंगे क्या करना है / यानि NO GOAL .

अब दस साल बाद 1989 में उन शोधकर्ताओं ने उन्हीं छात्रों से फिरसे संपर्क किया जो पास होकर दस साल पहले निकले थे / बहुत ही अदभुद परिणाम सामने आया /

वे 13 प्रतिशत छात्र जिनके पास अपना लक्ष्य था और योजनाएं भी थी , वे उन 84 प्रतिशत छात्र जो गर्मी की छुट्टी मनाने में पहले यकीन किए थे , उनसे वो औसतन दो गुना ज्यादा कमा रहे थे / और जिनके पास कोई लक्ष्य नहीं था उनमे अधिकतर अभी भी दर  दर  भटक रहे थे /

लेकिन सबसे आश्चर्य की बात तब मालूम पड़ी जब वे उन 3 प्रतिशत छात्रों से मिले जिनके पास अपने लक्ष्य भी थे  और प्लान भी थे, वो भी स्पष्ट रूप से  लिखित में / वे 3 प्रतिशत छात्र बाकी के 97 प्रतिशत छात्रों से औसतन दस गुना ज्यादा कमाई कर रहे थे / और कोई भी बेरोजगार नहीं था /

देखा जाए तो सभी ने M.B.A. किया था ,लेकिन चूक कहाँ हुई थी ? सिर्फ और सिर्फ स्पष्ट लक्ष्य बनाने और न बनाने में /

अब आपको शायद कुछ हद तक पता चल गया होगा कि, हम गलतियाँ कहाँ करते हैं ? 

हमें क्या करना है ये जरूर मालूम होना चाहिए ,वो भी एकदम क्लियर / बाद में किन्तु , परन्तु , लेकिन का सवाल न हो /

उसके बाद एक डायरी में CURRENT DATE के साथ जरूर लिखे / 

लेकिन अधिकतर लोग इस फर्क को जानते ही नहीं या लिखने की क्रिया को बकवास समझते हैं /

जबकि अगर हम अपने लक्ष्य को लिख लेते हैं, तो ये जादू जैसा काम करता है / और आप 50 प्रतिशत लड़ाई जीत जाते हैं /

लोग लक्ष्य क्यों नहीं बनाते हैं ? ........

  1. उन्हें पता ही नहीं होता कि लक्ष्य कैसे तय किए जाते हैं /
  2. वे असफलता से डरते हैं /
  3. उन्हें अस्वीकृति से डर लगता है /
  4. अगर वे न सफल हुए तो लोग क्या कहेंगे / इत्यादि इत्यादि /
ऐसे बहुत से कारण हैं जिसके कारण लोग अपने लक्ष्यों को लिखते ही नहीं और न ही उन्हें बनाते हैं, और न ही उनके पास काम को करने का  मास्टर प्लान ही होता है  / सिर्फ प्रत्येक काम हवा में करते हैं / और असफल होने पर दोषारोपण करते हैं /

सफलता के गारंटीड टिप्स .....

  1. आप तय करें कि वास्तव में आप क्या करना चाहते हैं / आपकी अपनी स्किल क्या है / इसे अपनी डायरी पर जरूर  लिखे / 
  2. अपने लक्ष्य को लिखने के बाद तय करे कि ये आपको कितने समय में अचीव करना करना है / वह तारीख भी लिखे /
  3. अब प्लानिंग करे कि काम को करना कैसे है / अपने प्लान को लॉन्ग टर्म , मिड टर्म  और शार्ट टर्म में बाँट लें /
  4. अर्थात अपनी प्लानिंग एकदम स्पष्ट होनी चाहिए , कि कब कब क्या क्या करना है /
  5. साप्ताहिक या मासिक निरिक्षण करते रहें कि अभी तक कितना काम हुआ , कितना बचा , क्या गलत रहा , क्या सही रहा , सभी चीजो पर मंथन करते रहें /
  6. काम में निरंतरता बनाए रखे , जब तक कि आपको स्पष्ट रूप से सफलता न मिल जाए /
  7. अगर नियत समय पर वो सफलता नहीं भी मिलती है तो, अवधि को अपने काम के अनुसार आगे बढ़ा सकते हैं , लेकिन ये भी लिखा हुआ होना चाहिए /
कोई भी काम हवा में नहीं करना चाहिए , बल्कि आपके लक्ष्य सुस्पष्ट और रिटेन फॉर्म में होने चाहिए / बारीकी से समय समय पर अपने काम का निरीक्षण करना  , और नियम बद्ध तरीके से काम को करना ही सफलता का मूल मन्त्र है / 

महान MLM LEADER MR SONU SHARMA ने भी अपने सक्सेज का राज यही बताया है कि, उनका लक्ष्य हमेशा से क्लियर और लिखित रहा है / यहाँ तक कि  वे लक्ष्य को बड़े बड़े पोस्टर में लिखवा या बनवा कर अपने रूम के दीवारों पर चस्पा करवा देते थे / और लक्ष्य पूरा होते ही अगले लक्ष्य का पोस्टर चिपका देते थे / 

 अर्जुन के महान धनुर्धर होने का एकमात्र कारण उनका अपने लक्ष्य का स्पष्ट और उसपर उनका अपने ध्यान का केन्द्रित होना था  / यानि लक्ष्य के केन्द्रित होने के बाद मन में किसी प्रकार की शंका या सवाल होने का भ्रम ही नहीं रह जाता था / 
आपके किए एक खुशखबरी है कि  " आप जिस चीज को लम्बे समय तक और प्रबलता यानि दृढ़ इक्षा से चाहे , उसे अंततः हासिल कर सकते हैं /
महान आइल बिलियेनियर एच. एल. हट. से एक बार पूछा  गया की सफलता का रहस्य क्या है ?
उन्होंने जवाब दिया कि , सफलता के लिए दो चीजों की जरूरत होती है /
पहला ...आपको ये पक्का पता होना चाहिए कि आप क्या चाहते हैं / क्योंकि ज्यादातर लोग यह बात कभी पता ही नहीं कर पाते /
दूसरा ... आपको वह कीमत तय कर लेनी चाहिए , जो आप अपनी मनचाही चीज या लक्ष्य को पाने के लिए चुकाना चाहते हैं / और फिर आपको वह कीमत चुकाने में जुट जाना चाहिए /

तो दोस्तों आपको ये पोस्ट कैसी लगी ? COMMENT BOX में COMMENT करके जरूर बताए / अपने दोस्तों को भी SHARE करे ताकि उनका भी भला हो सके / इस पेज पर नए हैं तो FOLLOW जरूर करे /

जय हिन्द //
 


  

शुक्रवार, 25 जून 2021

हिम्मत से हारना ,पर हिम्मत न हारना / GIVE UP BUT DON'T GIVE UP

 हिम्मत से हारना, पर हिम्मत न हारना 

दोस्तों उर्दू में एक कहावत है , '' हिम्मते मर्दा ,मददे खुदा '' 
           लाख विपरीत परिस्थतियों से आप गुजर रहें हों , लेकिन अगर आपकी प्रेरणा शक्ति यानि विल पावर कमजोर नहीं है / आप हार न मानने वाले इंसान हो , तो यकीन मान लीजिए , आप एक महान व्यक्ति हैं , और आपको दुनिया में कोई भी हरा नहीं सकता है / 
  किसी भी काम में सफल होने के लिए स्पष्ट लक्ष्य , कार्य योजना यानि सही प्लानिंग , कड़ी मेहनत और निरंतरता की जरूरत होती है,
  पर कभी कभी कुछ परिस्थितियां  ऐसी आ जाती हैं , जिसके कारण इंसान जो सोचता है वो नहीं कर पाता है / और ऐसी परिस्थिति में वो निराश हो जाता है , मायूस हो जाता है , अवसाद ग्रस्त यानि डिप्रेशन में चला जाता है / 
 और इससे भी बढ़ कर आज की युवा पीढ़ी आत्महत्या तक कर लेती है , जो की एकदम गलत होता है / 

      कुछ तथ्य ....

एक कड़वा सच है, जो शायद आप भी जानते हैं, पर मानते नहीं हैं / 
  इस दुनियां में हर एक इंसान को संघर्ष करना पड़ता है वो चाहे भगवान ही क्यों न हो / भगवान राम जो कि  अयोध्या के सम्राट होने वाले थे , लेकिन 14 वर्ष के लिए जंगल-जंगल भटकना पडा / माता सीता को रावण उठा ले गया / उसका वियोग अलग हुआ / लेकिन हार नहीं माने /
    एक राजा के पुत्र होते हुए भी भगवान कृष्ण को  कंस से बचकर गोकुल में ग्वालबालो के साथ रहना पड़ा / कंस ने क्या - क्या नहीं किया उन्हें मारने के लिए , लेकिन वे कभी विचलित नहीं हुए /
   महान प्रतापी राजा हरिश्चन्द्र को अपना महल , राज पाट , यहाँ तक कि बीवी बच्चों से भी हाथ धोना पड़ा / शमशान घाट में डोम का काम करना पड़ा /
  
    लेकिन क्या इन लोगों ने कभी हार मानना स्वीकार किया ? क्या इन्होंने आत्महत्या की ? या अवसाद ग्रस्त हुए ?

दोस्तों संसार ऐसी बहुत सी सत्य कथाओं से भरी पड़ी है , जो हमें जीना सिखाती है , लड़ना सिखाती है, हमारे आत्मबल को गिरने नहीं देती / बशर्ते हमें खुद को तैयार करना होगा परिस्थतियों से दो दो हाथ करने के लिए , खुद पर भरोसा करना होगा / क्योंकि जीवन का अर्थ वास्तव में पैसा कमाना नहीं अपितु महान बनना है /
और महान बनने के लिए महान योगदान देना ही पड़ता है /

सच्ची प्रेरक कहानी ...

स्पेन के एक फुटबालर जूलियो इग्लेसियस की कहानी बहुत प्रसिद्ध है / जूलियो को बचपन से ही फुटबॉल खेलने का शौक था / ये शौक उसका  जूनून में कब बदल गया पता ही नहीं चला / और 10 साल की उम्र में ही उसने स्पेन की एक फुटबॉल क्लब जिसका नाम था ,"रियल मैड्रिट क्लब" में गोल कीपर बनने का दृढ निश्चय कर लिया /
    अब उसके लिए सोना , जागना , खाना , पीना , रात , दिन सब सपना हो गया था / उसे तो सिर्फ अर्जुन की तरह अपना लक्ष्य दिखता था /
    कहते हैं की , अगर इन्सान जो सोचता है , और उसी में जीता है तो धीरे धीरे एक दिन वही बन भी जाता है " 
अब उसकी मेहनत रंग लाने लगी और 18 वर्ष की उम्र में जूलियो का क्लब में गोलकीपर के लिए  सेलेक्शन हो ही गया /
जूलियो के जूनून , कड़ी मेहनत और खेल के तरीके को देखकर खेल एक्सपर्ट और देशवासियों को पूरा भरोसा  हो गया था कि , एक दिन जूलियो देश के महान फुटबॉल  गोलकीपर बनेंगे और देश का नाम रोशन करेंगे /
    सेलेक्शन होने के बाद जूलियो अपने कुछ मित्रों के साथ लॉन्ग ड्राइव पर घूमने के लिए कहीं जा रहे थे , कि अचानक रास्ते में उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया / एक्सीडेंट बड़ा बुरा था / तमाम दोस्त सहित जूलियो अस्पताल में भर्ती हो गए / 
   जूलियो को गंभीर चोटें आई थी / डॉक्टर ने बताया कि जूलियो के पैर के निचले हिस्से में और बैक में पैरालाइज्ड हो गया है , जिसके कारण भविष्य में ये फुटबॉल कभी भी नहीं खेल पाएंगे / शायद ही वो कभी अपने पैरों पर चल पाएं , या बिस्तर से उठ पाएं /
      दुनियां का एक महान फुटबॉल गोलकीपर बनने का जो सपना था , एक पल में चकनाचूर हो गया / इतने सालो की मेहनत जो रात रात जागकर बिना खाए पिए  किया था , सब बर्बाद हो गयी / जूलियो के सामने सिर्फ बचा था तो लाचारी , बेबसी /
     जूलियो रात रात भर सोते नहीं थे ,दर्द से तड़पते थे , कराहते थे / और चोट के दर्द से कहीं ज्यादा अपने सपने टूटने का दर्द उन्हें जीने नहीं देता था / 
   
   अब मरता क्या न करता / 18 महीने बेड पर जीवन को बिताना आसान न था / अपने दर्द को बाटने के लिए , गम को कुछ पल के लिए ही सही, भुलाने के लिए जूलियो ने अस्पताल में ही एक गिटार मंगवाया / रात को नीद न आने पर वो उसी गिटार पर हाथ आजमाने लगे / कुछ समय और बीता ,धीरे धीरे जूलियो कुछ गाने भी बनाने लगे और अपनी ही धुन पर गिटार के साथ गाने और बजाने लगे / 

एक्सीडेंट के ठीक 5 साल बाद  जब  जूलियो थोड़ा कम्फर्ट हुए तो , उन्होंने एक सिंगिंग कम्पीटीशन में भाग लिया , और उस सिंगिंग कम्पटीशन में उन्हें प्रथम पुरुस्कार मिला / 
कहते हैं , अगर इन्सान हार न माने तो मुकद्दर जहाँ सारे रास्ते बंद कर देती है वहीँ पर रोशनी की एक खिड़की खोल भी देती है /  

जूलियो के साथ भी ऐसा ही हुआ / अब सिंगिंग में उनका मन रम गया, और धीरे धीरे जूलियो  स्पेन के टॉप 10 सिंगर्स में शुमार हो गए /
जूलियो फुटबॉल के स्टार तो नहीं बन पाए लेकिन उनके अन्दर के स्टार ने उन्हें सिंगिंग का स्टार बना दिया /

फुटबॉलर जूलियो इग्लेसियस अब स्पेन के मशहूर सिंगर जूलियो इग्लेसियस बन गए थे /

दोस्तों इससे खतरनाक परिस्थिति क्या हो सकती है कि पैर ही कट जाए , और सब कुछ ख़त्म हो जाए / सालों की मेहनत मिट्टी में मिल जाए और आँखों के सामने अँधेरा सा छा जाए और सब कुछ ख़त्म हो जाए /

लेकिन जूलियो ने न भीख मांगी , न आत्महत्या की और न ही जीवन में बहाने बनाए / बल्कि वही किया जो एक महान इन्सान करता है /



महाभारत में अभिमन्यु ने कहा था " हिम्मत से हारना  , पर हिम्मत न हारना  " /

तो दोस्तों मेरा पूरा प्रयास है कि आपके अन्दर की छिपी प्रतिभा को बाहर निकालना , आपके अन्दर के डर को ख़त्म करना है / आपको कभी न हारने वाला इन्सान बनाना है /
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दोस्तों जय हिन्द 

  
 


  

गुरुवार, 24 जून 2021

HOW TO PLAN CAREER IN YOUR LIFE I कैरियर की तलाश कैसे करे I

कैरियर की प्लानिंग कैसे करे ? 

आज हम आपको बताने वाले हैं की अपने कैरियर की प्लानिंग कैसे करे / ये किसी के जीवन का  एक बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु होता है , और अगर समझदारी से , सोच विचार कर ये फैसला न लिया जाए तो जीवन भर पश्चाताप करना पड़ता है/

अक्सर लोग या छात्र किसी को देखकर या लुभावने चीजो को देखकर जल्दबाजी में फैसला ले लेते हैं , कि फला व्यक्ति अमुक काम करके इतना पैसा कमाता है, तो मै भी ये काम करूंगा / मेरा दोस्त इंजीनियरिंग करके किसी बड़ी कंपनी में अच्छा पैसा कमा रहा है तो, हमें भी इंजीनियरिंग कर लेना चाहिए /

और जब बिना सोचे समझे , बिना अपनी योग्यता को टटोले , बिना अपनी रूचि को समझे ऐसा निर्णय ले लेते हैं , और सफल नही होते तो अपने भाग्य को दोष देते हैं / 

हमेशा एक बात याद रखनी चाहिए कि सफलता का कोई शार्ट कट नहीं होता , और बिना परिश्रम के कोई फल नहीं मिलता /

कैरिएर की प्लानिंग करने का पहला सूत्र है कि , आप अपने खास प्रतिभा या गुण की पहचान करे / जो आपके अन्दर प्राकृतिक या नैसर्गिक होती है / 

हम इसमे आप की सहायता कर देते हैं , क्योकि ये बड़ा ही कठिन और असमंजस भरा विषय होता है /

अपनी प्रतिभा या अपने गुण की पहचान करने के आठ तरीके हैं .......

इससे आपको ये पता चल जाएगा की आप किस काम के लिए परफेक्ट हैं / 

  1. सबसे पहले आपको ये देखना है की ऐसा कौन सा  काम है जिसे करने में आपको मजा आता है , ख़ुशी मिलती है , आनंद आता है / अगर आप आर्थिक रूप से मजबूत हैं , सक्षम हैं तो आप उसे बिना तनख्वाह के भी करना पसंद करना चाहेंगे / आपके अन्दर का ये ऐसा गुण होगा जिसके अनुरूप काम को करने में आपको बेहद ही आत्मसंतुष्टि मिलती है / 
  2. दूसरा आपको देखना है कौन सा ऐसा काम है जब आप उसे करते है तो सरल या कठिन का अनुभव आपको नहीं होता बल्कि आपको उस काम में अपनी स्वाभाविक योग्यता नजर आती है / उस अमुक काम को करने के लिए आप हर एक कठिनाई झेलने के लिए तैयार रहते हैं क्योकि वो आपका काम नहीं आपका जूनून बन जाता है /
  3. एक ऐसा गुण जिसके कारण आपको अपने जीवन में ज्यादातर सफलता मिली है और आपको ख़ुशी मिली है/ कभी आपको असफलता भी मिली हो तो आप निराश नहीं होते थे या हैं / बचपन से ही वो काम आपको करना बेहद पसंद था , और उसकी वजह से आपको प्रशंसा या पुरस्कार मिला हो /
  4. किसी भी काम को करने के लिए आपको सीखना बहुत ही जरूरी होता है और हर एक व्यक्ति इसी से भागता है / लेकिन जो आपके अन्दर छिपी प्रतिभा या गुण है उसके लिए आपको अगर सीखना भी पड़ता है तो आप शौक से सीखते हैं या करते हैं  ,या आपको यह सीखने में बड़ा ही आसान लगता है / इतना आसान की आपने इसे कब सीखा आपको पता ही नही और आप शायद भूल ही चुके हों  / बस आपको ये पता  है की वो काम आज भी आप आसानी से करते हैं /
  5. एक ऐसा काम जिसको करने में समय का पता ही नहीं चलता आपको, अर्थात आप उस काम को करते समय मंत्रमुग्ध हो जाते हैं , आप उधर अपने आप आकर्षित पाते  हैं /
  6. आपको वह सीखना पसंद है और जीवन भर आप खुद को उसमे बेहतर पाते हैं / आपमे उस ख़ास क्षेत्र में उत्कृष्ट बनने की गहरी लालसा रहती है /
  7. जब आप उस काम को करते हैं जैसे वक्त ठहर जाता है यानि समय का ख्याल ही नहीं रहता / इस काम को करने में आप कभी घड़ी नहीं देखते हैं / यानि खाना सोना सब भूल जाते हैं , क्योकि आप उस काम खो जाते हैं  /
  8. जो काम वास्तव में आपको दिल से पसंद है उस काम के क्षेत्र के  सफलतम लोगों की सचमुच आप  प्रशंसा या सम्मान करते हैं / और आप उनके जैसा ही बनना  भी चाहते हैं / आप  उनके प्रत्येक एक्टिविटी की नक़ल भी करते हैं , या उनके ही आस पास रहना पसंद करते  हैं / 
इन आठ तरीकों से आपका कोई गुण मिलता है या इस वक्त आप उसे कर भी रहे हैं , या पहले कर चुके हैं , तो यह वही गुण है वही काम है जो आपके ह्रदय की लालसा है , तीव्र इक्षा है जिसे करने के लिए ऊपर वाले ने आपको इस धरती पर भेजा है /
एक बात याद रखनी चाहिए , काम चाहे मन का हो या बिना मन का आपको अपना 100% तो देना ही होगा / पैसा सभी कामो में मिलता है / मेहनत , परिश्रम सबमे करना पड़ेगा ,लेकिन जो आपके मन के अनुसार काम होता है उसकी बाधाए आप ख़ुशी ख़ुशी पार करते हैं / निराश होकर भी निराश नहीं होते / आपकी विल पावर कभी भी कम नहीं होती, और न ही उस काम को करने में आप डिप्रेस होते हैं / और ऐसे काम में सफलता की गारंटी ज्यादा होती है / 
तो दोस्तों अपने ह्रदय को टटोलिए , खुद से बात करिए , पूछिए की ऐसा क्या है आपके अन्दर जो आप मन से करना चाहते हैं ,जिसको करने में आप अपना सम्पूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है / आपकी अंतरात्मा भी आपको कहती है की उठो और आगे बढ़ो तुम्हारी इस काम में जीत सुनिश्चत है /

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